नगर निगम के संविदाकर्मियों की बल्ले-बल्ले, होंगे परमानेंट नगर पंचायत और नगर पालिकाओं से भी मांगा ब्योरा
लखनऊ- उत्तर प्रदेश के नगर निगमों में काम कर रहेद संविदाकर्मी परमानेंट होंगे। स्थानीय निकाय निदेशालय ने प्रदेश के सभी नगर निगमों से उनके यहां कार्यरत संविदाकर्मियों का ब्योरा मांगा है।
स्थानीय निकाय निदेशक अनुज कुमार झा ने संविदाकर्मियों को विनियमित करने के लिए नगर आयुक्तों को पत्र भेजा है।
निदेशक ने नगर निगमों में 31 दिसंबर 2001 या उससे पहले से कार्यरत संविदाकर्मियों का ब्योरा देने के लिए कहा है। पत्र के साथ नगर निगमों को फॉर्मेट भेजा गया है, जिसमें ब्योरा देना है।
इसमें 12 सितंबर 2016 को कार्मिक अनुभाग-2 की ओर से दैनिक कार्मिकों के विनियमितीकरण नियमावली-2016 की अधिसूचना का भी जिक्र है, जिसपर वित्त विभाग ने आपत्ति लगाई थी।
नगर निगम के एक अधिकारी के मुताबिक आपत्ति की बाधा अब नहीं है।
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने शासन से वार्ता में संविदाकर्मियों को स्थायी करने का भी प्रस्ताव रखा था।
25 अक्तूबर को जारी किए गए पत्र के आधार पर नगर निगम को तीन दिन में ब्योरा भेजना है।नगर पंचायत और नगर पालिका के संविदा और दैनिक कर्मियों को भी स्थायी किया जाएगा।
नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में 31 दिसंबर 2001 या इससे पहले कार्यरत संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का ब्योरा भी मांगा गया है।
नगर पंचायत और नगर पालिकाओं को भी नगर निगमों की तरह निदेशालय को ब्योरा भेजना होगा।