प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में स्वच्छ वातावरण, सफाई सहित पारिस्थितिकीय संतुलन को किया जा रहा है मजबूत

प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में स्वच्छ वातावरण, सफाई सहित पारिस्थितिकीय संतुलन को किया जा रहा है मजबूत

हर पल निगाहें संवाददाता 
रायबरेली: देश एवं प्रदेश में तीव्र गति से शहरीकरण के परिणामस्वरूप शहर की योजना और निर्माण में पर्यावरणीय दृष्टिकोण की कमी के कारण, प्राकृतिक जल निकासी प्रणाली अवरुद्ध होने और शहरों में पारिस्थितिक तंत्र का क्षरण हो रहा है।

 प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के कारण एकाएक होने वाली अतिवृष्टि तथा बारिश के समय अति जलप्लावन की समस्याएं दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जलवायु परिवर्तन के कारण शहरी बाढ़ एक नई सामान्य समस्या बन गई है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जैसे निम्न स्थलाकृति, भारी वर्षा अनियोजित शहरीकरण और अनुचित जल निकासी व्यवस्था। इनमें से, अनुचित जल निकासी प्रणालियों शहरी बाढ़/जलभराव की स्थिति पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसी नगरीय समस्याओं के लिए प्रदेश सरकार ने ’’स्टार्म वाटर डेªनेज योजना’’ संचालित की है।पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश को भारी वर्षा के कारण आयी शहरी बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। वर्ष 2023 में वर्षा काल के दौरान कम अवधि में अचानक से उच्च तीव्रता वाली अतिवृष्टि होने से जनपद-लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों/कस्बों में विस्तृत/बड़े पैमाने पर समुचित जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण जल भराव की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गयी थी, जिसके कारण आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था एवं विभिन्न प्रकार की शासकीय/व्यवसायिक गतिविधियों में अवरोध उत्पन्न हो गया था।प्रदेश सरकार ने विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु ’’स्टार्म वॉटर ड्रेनेज योजना’’ एक अतिआवश्यक व अनिवार्य मूल-भूत सुविधा संचालित की है। तेजी से बढ़ते हुये नगरीय जनसंख्या व नगरीय क्षेत्र के विस्तार के कारण नगरीय परिदृश्य में पक्की सड़कें व फुटपाथ इत्यादि मूलभूत सुविधाओं का विकास प्राथमिकता पर कराये जाने के उपरान्त भी यह सेक्टर उपेक्षित है व अचानक से अतिवृष्टि की स्थिति में बाढ़/जलभराव के समय ही इस समस्या पर ध्यान आकृष्ट होता है। प्रदेश के नगरीय निकायों में अर्बन फ्लड/जलप्लावन की समस्या के निराकरण हेतु एक रणनीति के तहत कार्यवाही की जा रही है। राज्य सेक्टर के अंतर्गत नगरीय जल निकासी योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों में जल निकासी हेतु नाला निर्माण हेतु धनराशि अवमुक्त की जा रही है, जिससे छोटे-छोटे नाले/नालियों का निर्माण किया जा रहा है।

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